Saturday, May 8, 2010

भाजपा में सु 'प्रभात'

भोपाल। प्रदेश भाजपा मुखिया की कुर्सी प्रभात झा सम्हालने वाले है। इस खबर से पार्टी समर्थक और कार्यकताओं में खुशी की लहर है। आखिरकार प्रदेश भाजपा में सुप्रभात होने जा रहा है।लंबे विचार-विमर्श के बाद अन्तत: मप्र भाजपाध्यक्ष के लिए प्रभात झा का नाम तय हो ही गया है। भाजपा मुख्यालय सूत्रों की माने तो चुनाव पर्यवेक्षक एवं पार्टी के उपाध्यक्ष कलराज मिश्र 8 मई को भोपाल आ रहे है और वह उसी दिन प्रदेश भाजपा मुखिया के पद पर प्रभात झा के ताजपोशी की घोषणा करेंगे। प्रभात झा मप्र. भाजपा के पहले ऐसे अध्यक्ष होंगे जिनका जन्म मप्र. में न होकर बिहार में हुआ है। श्री झा का अध्यक्ष बनना कई मायनों में ऐतिहासिक है। सिर्फ इसलिये नहीं कि वे जन्म से बिहार के है बल्कि इसलिये भी कि उनके सामने बहुत ताकतवर विकल्प मौजूद थे। वह चाहे इंदौर से लगातार चुनाव जीतती आ रही 'ताईÓ सुमित्रा महाजन हो या फिर भाजपा के नवनियुक्ति महासचिव व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभाल रहे नरेन्द्र सिंह तोमर की पंसद राज्य सभा सदस्य माया सिंह ही क्यों न हो। वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी भाजपा में उमा भारती के वापसी के चल रहे प्रयासों के तहत बुरी तरह खौफजदा थे और इसी के चलते उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश तक कर डाली थी। वे चाहते थे कि संगठन की बागडौर उनके किसी आदमी को ही सौपी जाये। फलस्वरूप उन्होंने भी प्रभात झा को अध्यक्ष की कुर्सी से दूर रखने के लिये ऐड़ी -चोटी का जोर लगा दिया लेकिन जब शीर्ष पार्टी नेतृत्व द्वारा शिवराज सिंह चौहान को भरोसा दिलाया गया कि प्रभात झा के अध्यक्ष बनने से प्रदेश में संगठन को काफी लाभ पहुंचेगा तब श्री चौहान ने अपनी सहमति जताई। वही संघ के सह सरकार्यवाहक सुरेश सोनी ने भी प्रभात झा का साथ दिया। इसके साथ ही श्री झा की पार्टी में सक्रियता, बेदाग छवि और दिल्ली के आला नेताओं में गहरी पैठ ने भी उन्हें प्रदेश भाजपाध्यक्ष की कुर्सी के निकट पहुंचाने ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उल्लेखनीय है कि राजमाता सिंधिया के गृह जिले ग्वालियर में प्रभात झा द्वारा मूल स्वदेश अखबार में काम करने के दौरान ही संघ की रीतियों-नीतियों से प्रभावित होकर वे बरास्ता संघ भाजपा में सक्रिय भूमिका में आये। इसके बाद उनकी कर्मभूमि चंबल से हटकर राजधानी भोपाल हो गई, जहां वे संवाद और संपर्क प्रमुख के बतौर काम करने लगे राजनाथ सिंह के अध्यक्ष बनने के उपरान्त उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सचिव बना दिया गया। प्रभात झा को मप्र. से राज्य सभा में भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि 8 मई को अपने नाम की औपचारिक घोषणा के बाद वे किसी भी दिन अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे।
लंबे विचार-विमर्श के बाद अन्तत: मप्र भाजपाध्यक्ष के लिए प्रभात झा का नाम तय हो ही गया है। भाजपा मुख्यालय सूत्रों की माने तो चुनाव पर्यवेक्षक एवं पार्टी के उपाध्यक्ष कलराज मिश्र 8 मई को भोपाल आ रहे है और वह उसी दिन प्रदेश भाजपा मुखिया के पद पर प्रभात झा के ताजपोशी की घोषणा करेंगे। प्रभात झा मप्र. भाजपा के पहले ऐसे अध्यक्ष होंगे जिनका जन्म मप्र. में न होकर बिहार में हुआ है। श्री झा का अध्यक्ष बनना कई मायनों में ऐतिहासिक है। सिर्फ इसलिये नहीं कि वे जन्म से बिहार के है बल्कि इसलिये भी कि उनके सामने बहुत ताकतवर विकल्प मौजूद थे। वह चाहे इंदौर से लगातार चुनाव जीतती आ रही 'ताईÓ सुमित्रा महाजन हो या फिर भाजपा के नवनियुक्ति महासचिव व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभाल रहे नरेन्द्र सिंह तोमर की पंसद राज्य सभा सदस्य माया सिंह ही क्यों न हो। वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी भाजपा में उमा भारती के वापसी के चल रहे प्रयासों के तहत बुरी तरह खौफजदा थे और इसी के चलते उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश तक कर डाली थी। वे चाहते थे कि संगठन की बागडौर उनके किसी आदमी को ही सौपी जाये। फलस्वरूप उन्होंने भी प्रभात झा को अध्यक्ष की कुर्सी से दूर रखने के लिये ऐड़ी -चोटी का जोर लगा दिया लेकिन जब शीर्ष पार्टी नेतृत्व द्वारा शिवराज सिंह चौहान को भरोसा दिलाया गया कि प्रभात झा के अध्यक्ष बनने से प्रदेश में संगठन को काफी लाभ पहुंचेगा तब श्री चौहान ने अपनी सहमति जताई। वही संघ के सह सरकार्यवाहक सुरेश सोनी ने भी प्रभात झा का साथ दिया। इसके साथ ही श्री झा की पार्टी में सक्रियता, बेदाग छवि और दिल्ली के आला नेताओं में गहरी पैठ ने भी उन्हें प्रदेश भाजपाध्यक्ष की कुर्सी के निकट पहुंचाने ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उल्लेखनीय है कि राजमाता सिंधिया के गृह जिले ग्वालियर में प्रभात झा द्वारा मूल स्वदेश अखबार में काम करने के दौरान ही संघ की रीतियों-नीतियों से प्रभावित होकर वे बरास्ता संघ भाजपा में सक्रिय भूमिका में आये। इसके बाद उनकी कर्मभूमि चंबल से हटकर राजधानी भोपाल हो गई, जहां वे संवाद और संपर्क प्रमुख के बतौर काम करने लगे राजनाथ सिंह के अध्यक्ष बनने के उपरान्त उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सचिव बना दिया गया। प्रभात झा को मप्र. से राज्य सभा में भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि 8 मई को अपने नाम की औपचारिक घोषणा के बाद वे किसी भी दिन अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे।







































































































































1 comment:

  1. यह तो होना ही था.........

    अंततः श्री प्रभात झा भाजपा के नए अध्यक्ष बन ही गए
    मैंने कई पत्रों मैं अपने लेखों मैं पहले ही स्पष्ट कर दिया
    था और यह तो होना ही था
    कई दावेदार थे पर प्रभात जी जैसा योग्य व पारखी
    शायद ही कोई और होता
    मैं और मीडिया जगत के कई मित्रों के लिए यह
    समाचार निसंदेह उपलब्धि वाला है क्योंकि वर्षों
    वाद फिर एक कलमकार को सम्मान मिला है
    वर्षों पहले कांग्रेस के राजीव शुक्ल भी पत्रकारिता
    जगत से आये थे और भी कई पत्रकार मित्र व कलमकार
    राजनीती मैं हैं और सफल भी हैं
    अटल जी भी इसके उदाहरण हैं
    पद हैं तो चुनोतियाँ भी हैं जिनसे निपटना झा साहब
    अच्छी तरह जानते हैं
    प्रभात जी के रूप मैं भाजपा को एक चिन्तक मिल गया है
    जिसकी सोच बहुत दूर की है पिछले ३३ सालों से सेवारत
    प्रभात झा इश्वर मैं अनन्य विस्वास रखते हैं व खुद को एक साधारण
    कार्यकर्ता ही मानते हैं
    मेरी उनसे जब भी बात होती है मुझे एकदम तरोताजा कर जाती है
    उनकी यही सहजता उन्हें सफल करेगी
    उनकी कलम मैं सकारात्मक सोच है आँखों मैं चमक है कुछ नया खोजने की
    उनके संकल्पों मैं भाजपा बसती है उनका चिंतन मानवता को समर्पित है
    भाजपा मैं सबको साथ लेकर चलने का उनका भाव मायूस व अलग थलग
    पड़े कार्यकर्ताओं मैं जोश भरने के लिए काफी है
    उम्मीद बहुत है उनसे योग्य व इंटेलिजेंट कार्यकर्ताओं को वे जरूर काम से लगा
    देंगे .
    सहज ही हम कह सकते हैं की बीजेपी मैं नव प्रभात हुआ है जिसका असर
    दूरगामी व लाभकारी होगा
    शैलेन्द्र सक्सेना "सर"
    गंज बासोदा
    09827249964
    आदर सहित प्रकाशनार्थ

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